ख्वाहिशों के दाम ऊँचे हो सकते है..
लेकिन ख्वाहिशें महँगी नहीं हो सकती !!
छोटे-छोटे कदम मीलों का सफर तय कर सकते हैं।
किसी के पैरों में गिरकर कामयाबी पाने से बेहतर है
अपने पैरों पर चलकर कुछ बनने की ठान लो। !!
चलो माना कि दुनिया बहुत बुरी है,
लेकिन तुम तो अच्छे बनो तुम्हे किसने रोका है !!
कितना मुश्किल है, जिंदगी का सफर…,
भगवान मरने नहीं देते और इंसान जीने नहीं देते।
खून जिसका भी हो रंग सबका एक ही है,
कैसे पता लगाया जाये बेगाना कौन है और अपना कौन है।
जो जैसा है, उसे वैसा ही अपना लो…
रिश्ते निभाने आसान हो जायेंगे !!
“दुआ” कभी खाली नहीं जाती…
बस लोग ईन्तजार नहीं करते..!!
हे स्वार्थ तेरा शुक्रिया… एक तू ही है,
जिसने लोगो को आपस में जोड़ रखा है।
गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है,
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, अपनों का पता चलता है !!
बहुत देखा जीवन में समझदार बन कर,
पर ख़ुशी हमेशा पागल बनने पर ही मिलती है !!
गलती ज़िंदगी का एक पन्ना है; परन्तु ‘रिश्ते’ पूरी किताब हैं।
ज़रूरत पड़ने पर ‘गलती’ का पन्ना फाड़ देना..
लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना !!
जिन्दगी के सफर से, बस इतना ही सबक सीखा है…
सहारा कोई-कोई ही देता है, धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है।
इंसान को उस जगह हमेशा ‘खामोश’ रहना चाहिये जहाँ …
‘दो कौड़ी’ के लोग अपनी ‘हैसियत’ के गुण गाते हों !!
धर्म से कर्म इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि
धर्म करके भगवान से मांगना पडता है,
जब कि कर्म करने से भगवान को खुद ही देना पडता है !!
कोई भी इंसान इतना अमीर नहीं होता कि वो अपना भूतकाल खरीद सके…
और कोई इतना गरीब नहीं होता कि वो अपना भविष्य न बदल सके !!
इंसान को अपनी औकात भूलने की बीमारी है,
और कुदरत के पास उसे याद दिलाने की अचूक दवा !!
‘सब्र’ और ‘सच्चाई’ एक ऐसी सवारी है…
जो अपने सवार को कभी गिरने नहीं देती…
ना किसी के कदमो में…और ना किसी की नज़रों में..!!
अच्छे के साथ अच्छे रहें…लेकिन बुरे के साथ बुरे न बने…
“क्योंकि” पानी से खून साफ कर सकते हैं लेकिन खून से खून नहीं।
आप हमेशा इतने छोटे बनिये कि हर व्यक्ति आपके साथ बैठ सके,
और आप इतने बड़े बनिये कि आप जब उठें तो कोई बैठा न रहे।