गलती ज़िंदगी का एक पन्ना है; परन्तु ‘रिश्ते’ पूरी किताब हैं। ज़रूरत पड़ने पर ‘गलती’ का पन्ना फाड़ देना.. लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना !!